मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना 2025: बिहार सरकार की नई पहल से महिलाओं को मिलेगा रोज़गार और आत्मनिर्भरता
परिचय
बिहार सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ी योजना की शुरुआत की है – मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना 2025। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 29 अगस्त 2025 को घोषित और कैबिनेट द्वारा मंजूर इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि हर परिवार की एक महिला को रोजगार के अवसर दिए जाएं और उन्हें छोटे-छोटे व्यापार या स्वरोज़गार शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।
यह योजना न सिर्फ़ महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाएगी बल्कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में छोटे उद्योगों को बढ़ावा देकर राज्य की अर्थव्यवस्था को भी नई दिशा देगी।
योजना का उद्देश्य
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के कई महत्वपूर्ण उद्देश्य हैं:
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महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना – ताकि वे खुद का छोटा व्यवसाय या रोजगार शुरू कर सकें।
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परिवार की आय में बढ़ोतरी – जिससे पूरे परिवार की आर्थिक स्थिति मज़बूत हो।
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ग्रामीण विकास को बढ़ावा देना – गाँवों में छोटे उद्योग और स्वरोज़गार के अवसर बढ़ाना।
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महिलाओं की सामाजिक भागीदारी – महिला स्वयं सहायता समूहों (Self Help Groups - SHGs) को मज़बूत बनाना।
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रोज़गार के नए अवसर – राज्य में बेरोज़गारी को कम करना और पलायन रोकना।
योजना की मुख्य विशेषताएँ
| विशेषता | विवरण |
|---|---|
| प्रारंभिक सहायता राशि | ₹10,000 एकमुश्त राशि हर परिवार की एक महिला को |
| अतिरिक्त सहायता | 6 महीने बाद प्रदर्शन समीक्षा के आधार पर ₹2 लाख तक |
| लाभार्थी आयु सीमा | 18 से 60 वर्ष |
| लाभार्थी समूह | बिहार की महिलाएँ, जो जेविका (JEEViKA) स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हों |
| लागू करने वाले विभाग | ग्रामीण क्षेत्रों में – ग्रामीण विकास विभाग व जेविका SHG शहरी क्षेत्रों में – नगर विकास एवं आवास विभाग |
| भुगतान का तरीका | सीधे लाभार्थी के आधार लिंक्ड बैंक खाते में (DBT) |
| आवेदन प्रक्रिया | ग्रामीण – जेविका/ग्राम संगठन के माध्यम से शहरी – ऑनलाइन पोर्टल से |
कौन लाभ उठा सकता है? (Eligibility)
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महिला आवेदक बिहार राज्य की निवासी होनी चाहिए।
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आयु 18 से 60 वर्ष के बीच हो।
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महिला या उसके पति आयकर दाता न हों।
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परिवार का कोई सदस्य सरकारी नौकरी (स्थायी/संविदा) में न हो।
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महिला जेविका स्वयं सहायता समूह की सदस्य होनी चाहिए।
आवेदन प्रक्रिया
ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएँ –
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अपने जेविका समूह / ग्राम संगठन के माध्यम से आवेदन करें।
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आवश्यक दस्तावेज़ जमा करने होंगे (आधार कार्ड, बैंक पासबुक, पहचान पत्र, समूह सदस्यता प्रमाण आदि)।
शहरी क्षेत्र की महिलाएँ –
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सरकार एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू करेगी, जहाँ पंजीकरण किया जा सकेगा।
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सफल पंजीकरण के बाद पात्र महिलाओं को DBT के ज़रिए राशि दी जाएगी।
कब मिलेगा पैसा?
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पहली किस्त (₹10,000) – सितंबर 2025 से सीधे बैंक खाते में।
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दूसरी किस्त (₹2 लाख तक) – 6 महीने बाद प्रदर्शन मूल्यांकन के आधार पर।
अतिरिक्त सहयोग
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सरकार हाट-बाज़ार (Local Markets) की व्यवस्था करेगी, ताकि महिलाएँ अपने उत्पाद बेच सकें।
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उद्यमिता प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता भी दी जाएगी।
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आगे चलकर जेविका सहकारी बैंक से भी मदद उपलब्ध कराई जा सकती है।
योजना से होने वाले लाभ
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महिलाओं को आर्थिक मज़बूती मिलेगी।
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परिवार की आय बढ़ेगी और जीवनस्तर सुधरेगा।
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गाँवों और कस्बों में स्वरोज़गार के अवसर पैदा होंगे।
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राज्य की अर्थव्यवस्था में छोटे उद्योगों का योगदान बढ़ेगा।
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महिलाएँ समाज में आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनेंगी।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना 2025 बिहार की महिलाओं के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। यह योजना न केवल उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त करेगी बल्कि उनके सपनों को पूरा करने का रास्ता भी खोलेगी। अगर इस योजना का सही ढंग से क्रियान्वयन हुआ, तो यह लाखों महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगी और बिहार को आत्मनिर्भरता और महिला सशक्तिकरण की दिशा में अग्रसर करेगी।

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